Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
​"अंतरात्मा की आवाज " - Nisha Sahu (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

​"अंतरात्मा की आवाज "

  • 182
  • 5 Min Read

नमस्कार
हर हर महादेव 🙏

"अंतरात्मा की आवाज "

ओह री सखी सुन मेरी बात
सुन सुनले री सखी तू मेरी भी बात
मैं हूँ तेरे अन्तर आत्मा की आवाज़
अब तक मुझको अनसुना करती आई है तू

जैसे सबके लिए वक्त है तेरे पास
कभी तो कुछ पल फुर्सत के खुद के लिए भी निकाल
चल बड़ अब आगे और चुनले अपने सपनों की राह
जीले कुछ पल अपने सपनों को भूल के ये दुनिया दारी

दो पल चुराले कभी खुद के लिए ज़िंदगी से और देख
ये नज़ारा है कितना हंसी जीले दो पल खुल के ज़िंदगी
जैसे मिले ना ये खूबसूरत पल फिर कभी तो
उठा इन सुंदर फूलों को और सजाले अपनी राहों में

रंग बिरंगे फूलों के संग इस नीले गगन के तले
चल बड़ इन ऊँचे पर्वतों की ओर
खुलने दे तेरे इन सुनहरे पंखों को
और भरले अपने सपनों की उड़ान

ओह री सखी सुन मेरी बात
सुन सुनले री सखी तू मेरी भी बात
क्योंकि मैं हूँ तेरे अन्तर आत्मा की आवाज़
अब तो सुनले सखी तू मेरी ही बात !

लेखिका
"निशा साहू"
कोटा ( राजस्थान )
18/03/2021

20201229_121550_1616061891.jpg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
दादी की परी
IMG_20191211_201333_1597932915.JPG
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
1663935559293_1726911932.jpg