कवितालयबद्ध कविता
शीर्षक - नारी तू वो शक्ति है
नारी तू वो शक्ति है
जो देश भी बदल सकती है
तू ही समाज के किसी भी क्षेत्र को
पुरुषों से बेहतर संभाल सकती है
तू ही परिवार और देश की आर्थिक स्थिति का प्रबंधन सक्षम
ढंग से कर सकती है
नारी तू वो शक्ति है
जो देश भी बदल सकती है
तू समय को भी बदल सकती है
कितने ही तूने रूप धरे
राम और कृष्ण से पुत्र जाए
अटल कलाम भी तेरा अंश
लक्ष्मी बाई भगत सिंह भी
है तेरा ही वंश
तेरी ममता के रूप अनेक
करती सबके दुखों को दूर
रहते हमसे दूर कलेश
नारी तू वो शक्ति है
जो देश भी बदल सकती है
परिवार बदल सकती है
संस्कार बदल सकती है
समय बदल सकती है
सीता रामकृष्ण तिवारी
नागपुर महाराष्ट्र
दिनांक 8/3/2021