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कविताअन्य
रुड़की शहर से आया हूँ पैगाम प्यार का लाया हूँ, लफ्ज़ो और अल्फाज़ो की बरसात कराने आया हूँ, महबूब कलम का कागज़ है पहचान कराने लाया हूँ, राजीव कपिल रुड़की