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शायद तुनक मिज़ाज - Shivam Pachauri (Sahitya Arpan)

लेखअन्य

शायद तुनक मिज़ाज

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  • 15 Min Read

मैं वाे हूं, जो लोग मेरा #समर्थन करें मैं उनका #धन्यवाद व्यक्त नहीं करता। मैं वह हूं, जो लोग मेरा #विरोध करें तो मैं उनकी #आलोचना भी नहीं करता। मैं वह #पत्रकार हूं, जो किसी भी #चैनल, #अखबार, #पत्रिका में बहुत बड़ी #पहचान नहीं रखता, लेकिन फिर भी अपनी कलम चलाने में पीछे नहीं हटता। मैं वह भारतीय नागरिक हूं, जो किसी भी #trust, #society, #NGO किसी में भी सदस्य या #पदाधिकारी नहीं हूँ। मैं किसी #विभाग भी से जुड़ा नहीं हूं। लेकिन फिर भी कार्य को करने का तरीका जानता हूं। और उसकाे कराने की ताकत भी रखता हूं। मेरे हाथ #कमजोर है, या फिर #ताकतवर, मैं नहीं जानता लेकिन कलम चलाने में थोड़ा सा माहिर हूं। मैं बहुत ज्यादा पैसे वाला नहीं हूं, और ना ही ज्यादा #ज्ञानवान हूं फिर भी भारत की #आर्थिक_स्थिति और #भौगोलिक_स्थिति को खराब देखकर बड़ा ही #चिंतित हो उठता हूं। मैं किसी भी रक्षा जैसे #पुलिस, #आर्मी या भारत का #चौथा_स्तंभ में ऐसे किसी का भी #रक्षक नहीं हूं लेकिन फिर भी अपने देश की रक्षा कैसे की जाती है समझ सकता हूं, और आपड़े तो कर भी सकता हूं।

जमाना वह नहीं जो देश के लिए #शहादत दी जाए, वक्त वह है जो देश के लिए #गद्दाराें की #गर्दन_काट दी जाए। चाहे बेशक इल्लीगल काम का विरोध करता हूं, लेकिन #जघन्य_अपराध करने वाले जैसे आतंकियों को मारने वाला कोई कार्य #लीगल या #इल्लीगल नहीं। हम #हिंदुस्तानी हैं बस हमने एक ही सीखा है, कि किसी से #बोलो_मत और तुम्हारे कोई पीछे पड़ जाए तो उसे #छोड़ो_मत, हम वह हिंदुस्तानी हैं जो #अतिथि_देवो_भव: भी जानते हैं और अगर कोई देश में जबरदस्ती घुस आये तो उसे भगवान को #प्यारा करना भी जानते हैं। चाहे बेशक हम #अहिंसा के पुजारी हैं लेकिन अपने ऊपर #हिंसा हमें भी बर्दाश्त नहीं। हम महात्मा गांधी के आदेशों का पालन भी करते हैं कि कोई एक मारे तो दूसरा #गाल कर दो, और आ पड़े तो सुभाष चंद्र बोस का नारा भी हम नहीं भूलते #टिट_फॉर_टैट, #ईट का जवाब #पत्थर से देते हैं माना हिंदुस्तान की #नस्ल अब बेकार होती जा रही है लेकिन विश्व में अब भी वह #गुरु के नाम से ही जाना जाता है।

चाहे तुम कुछ भी कर लो #भारत की नस्ल को कैसे भी बर्बाद करो #चरस, #गांजा, #अफीम, #धर्म-जाति के नाम पर #दंगे_फसाद कराओ या #केमिकल वाले #भोज्य_पदार्थ भिजवाओ, कुछ भी भेजो या किसी को भी #धर्म_परिवर्तन के नाम पर #झगड़े करवाओ घंटा तुम उखाड़ कुछ नहीं पाओगे। जहां #छत्तीसगढ़, #बिहार, #आसाम, #नागालैंड, #त्रिपुरा में तुम कमजोर लोगों को सता सकते हो तो वहीं दूसरी ओर #उत्तर प्रदेश, #उत्तराखंड, #पंजाब, #हरियाणा, #गुजरात, #महाराष्ट्र, #केरल इन जैसे राज्यों में कभी किसी #व्यक्ति को #उंगली करके देखना तुम्हारे पूरे #खानदान काे #इतिहास में जगह दे देगा। हम अगर #अतिथियों के #पैर भी पूजना जानते हैं तो गलत होने पर उसका सिर #धड़ से कैसे अलग करना है, यह भी हमें अच्छी तरह #ज्ञात हैं। तुम जितने #हथियार एक साल में बनाते हो ना तो वहीं दूसरी और #हिंदुस्तान हर साल एक #ऑस्ट्रेलिया पैदा कर देता है। एक हमारा ही देश तो ऐसा है जो कुछ गलत होने पर आपस में ही #विरोध कर लेते हैं अंदर ही अंदर। #विदेशों में तो जबरदस्ती #कानून का #पालन कराया जाता है। माना हमारा #संविधान_लचीला है, लेकिन अब भी उसके अंदर #मानवता भी है सिर्फ #कट्टरपंथी से ही काम नहीं चलता।.....

--- शिवम पचाैरी
फ़िराेज़ाबाद

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