कविताअतुकांत कविता
एक दिया आज शहीदो के नाम जलाना है
जिसने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर किया
उनको कभी नही भुलाना है
आये देश पर विपत्ति तो
सर कटवाने से नही डरते
ऐसे वीरो के नाम आज दिया जलाना है
उनको अपने दिल मे बसाना है
पीठ दिखाकर कभी वह जंग से नही जाते है
दुश्मनो की मौत का वह फरमान लाते है
आज दिया शहीदो के नाम जलाना है
उनको नही भुलाना है
जब तक साँस लड़ते है वो
दुश्मनो की लाश बिछाते है
ऐसे वीर जीवान हार कहां मानते है
हस कर वह मौत को गले लगाते है
सरहद पर भूल कर जात-धर्म
वह सिर्फ भारतीय कहलाते है
आज ऐसे वीरो के नाम दिया जलाना है
भूल जाते है जो इन वीरो को
उनको याद दिलाना है