Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
प्यार मोहब्बत जिंदाबाद by कुमार आशू - Kumar Ashu (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

प्यार मोहब्बत जिंदाबाद by कुमार आशू

  • 300
  • 6 Min Read

"गीत तुम्ही पर सब लिख देता, गर तुम मुझको अपना लेती..
और सभी से कहता फिरता, प्यार मोहब्बत जिंदाबाद..!!

तुम गर हाथ मेरा छू देती तो तन चंदन हो सकता था..!
तुम आ जाती पास मेरे तो मौसम सावन हो सकता था..!
मेरे कोरे कोरे सपनों की रतिके रँगरेज तुम्हीं थी..!
तुम रँगते अपने रंग में तो मन वृंदावन हो सकता था..!
बैठ उसी तट पर हम दोनों एक घरौदा फिर से बुनते..
और बताता चिल्लाकर मैं रहे हमारा घर आबाद..!!
प्यार मोहब्बत जिंदाबाद..!!१!!

मैं तो एक मकाँ भर ही हूँ किन्तु हमारी माटी तुम हो..!
मैं हूँ जीवन की अभिलाषा और मेरी परिपाटी तुम हो..!
जिसके नर्म धरातल में ही नींव बनाकर उच्च शिखर पर..
मैं पहाड़ सा टिका हुआ हूँ प्रिये मेरी वह घाटी तुम हो..
लेकिन अब क्या तुम्हें बताना जब तुम नही जानना चाहो..
शायद प्यार मोहब्बत वाले दिन अब तुम्हें रहे न याद..!!
प्यार मोहब्बत जिंदाबाद..!!२!!

किन्तु बने एहसास खिलौने और इश्क़ बन गया तमाशा..!
उपापोह बन गयी जिंदगी फैल गया हर ओर कुहासा..!
उन लम्हों को जिनके सपने हमने साथ सजाए मिलकर..
सपने सभी बिखरते अपने रहा देखता हुआ रुहाँसा..!
चले गए अपनी दुनिया में करके मुझे अकेला जब तुम..
आज तलक करता फिरता हूँ तिल-तिलकर खुद को बर्बाद..!!
प्यार मोहब्बत जिंदाबाद..!!३!!"

✍️ कुमार आशू

PicsArt_03-15-12.33.14_1597482368.jpg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
दादी की परी
IMG_20191211_201333_1597932915.JPG
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg