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जागरूक मतदाता कैसा हो ?
परिचर्चा स्थान,,,कक्षा बारहवीं के विद्यार्थी एवं
शिक्षिका अनुभा जी
**अनुभा जी,,, बच्चों, आज आप सब पढ़कर आए हो मतदाता की जागरूकता के बारे में। जब तुम बालिग़ यानी अठारह वर्ष के हो जाओगे, तुम्हें भी मत देना होगा। तुम्हें यह ज्ञान होना चाहिए कि जागरूक मतदाता कैसा हो। देश का संविधान लागू होने के एक दिन पूर्व यानी 25 जनवरी 1950 निर्वाचन आयोग दिवस माना है।
फ़िर 1911 में मतदान दिवस की 60वीं वर्षगांठ पर उसी दिन को राष्ट्रीय मतदान दिवस नाम दिया।
भारत विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या वाला प्रजातांत्रिक सम्प्रभुता सम्पन्न देश है। देश का संविधान सबसे बड़ा लिखित संविधान है,एक दस्तावेज है।
संविधान में सबसे अधिक जोर भारत की जनता को दिया है। प्रजातंत्र अर्थात लोगों के द्वारा, लोगों के लिए और लोगों की सरकार। हमें संविधान ने मूलभूत अधिकार प्रदान किए हैं तो कर्तव्यों को भी याद दिलाया है।
*अतः एक जागरूक मतदाता को 21वीं सदी की थीम के अनुसार सजग, सतर्क, जागरूक व समझदार होना चाहिए। अच्छा सुरभि तुम बताओ एक जागरूक मतदाता कैसा हो ?
**सुरभि,,, जी मेम, हमने नागरिक शास्त्र में पढ़ा है।
* सर्वप्रथम तो प्रत्येक नागरिक को अपने मताधिकार का उपयोग करना चाहिए। हमारा एक वोट भी कीमती है।
हार जीत एक मत पर भी निर्भर है। अटल जी एक वोट के कारण हार गए थे।
* देश में क़रीब 65 फ़ीसदी मतदाता युवा हैं। चाहे कुछ पूर्ण शिक्षित ना हो फ़िर भी प्रसार के माध्यमों से सभी जानकारी मिल जाती हैं।
अतः इतनी समझ अवश्य हो कि जिन्हें पाँच वर्ष तक के लिए चुन रहे हैं , वे कुशल, ईमानदार शिक्षित, अनुभवी व सेवाभावी हो।
**अनुभा जी,,,ठीक सुरभि।
*शिक्षित होना परमावश्यक है। डॉक्टर या इंजीनियर वही बनते हैं जिन्होंने सम्बंधित पढ़ाई की है। कुशल शिक्षा मंत्री भी वही बन सकता जिसे इसका संज्ञान हो।
* एक जागरूक मतदाता वही है जो निष्पक्षता से अपने मत का सदुपयोग करे। जाति धर्म समाज दोस्ती व रिश्तेदारी से परे
एक योग्य उम्मीदवार को ही अपना वोट दें।
अच्छा अभिनन्दन बताओ, नेता लोग चुनाव के पूर्व घर घर जाते हैं। ऐसे में मतदाता को क्या सावधानी बरतना चाहिए?
**अभिनन्दन,,,,जी मेम
*निज स्वार्थवश कि फला नेता हमें लाभ देगा, बच्चों के मन माफ़िक दाखिले हो जायेंगे, टेंडर पास हो जाएंगे,,,वोट देना अन्याय की श्रेणी में ही आएगा। इससे योग्य उम्मीदवार देश सेवा से वंचित रह जाएंगे।
* मतदाता को किसी लालच में भी नहीं आना चाहिए। प्रचार के दौरान रुपए सामग्री आदि भी वितरित किए जाते हैं। मतदाताओं को कारों बसों में भरके केंद्र पर ले जाते हैं।
**अनुभा जी,,, हाँ, ठीक
है। और शराब का लालच झोपड़पट्टियों में आम बात है।
* एक जागरूक मतदाता अपने भावी नेता का चारित्रिक इतिहास भी देखे। उसकी आपराधिक गतिविधियां तो नहीं रही है, रिश्वत खोर तो नहीं है।
अब निरुपम आप क्या कहेंगे ?
**निरुपम,,,, जी मेम।
* मतदाता बेचारा बहकावे में भी आ जाता है। रोड़ बन जाएगी, स्कूल अस्पताल खुल जावेंगे आदि लुभावने वादों में नहीं आना चाहिए।
ऐसे लोग थूक कर चाटना खूब जानते हैं।
*करीब आधी आबादी महिलाओं की है। कई घरों में इन्हें तवज्जो नहीं दी जाती। दी भी जाती है तो उसे पति व परिवार का अनुसरण करना होता है।
**अनुभा,,,, हाँ निरुपम
यह स्त्री का भी मौलिक अधिकार है कि वह किसे अपना मत दे। अब सुरभि आप और क्या पढ़ कर आई हैं
***सुरभि,,,,, जी मैंने पापा से समझा था।
*एक ईमानदार नागरिक की भांति किसी अनपढ़ को बरगलाना नहीं चाहिए। कभी अपने नासमझ सेवकों को कह देते हैं क़ि इस चिन्ह पर मुहर लगा देना।
* अधिकार एक ही वोट का है। कई बार दूसरे के नाम पर भी दे देते हैं।
*मतकेंद्र के दायरे में कोई असामाजिक , भड़काने वाली या अफवाओं को तूल नहीं देना चाहिए। अनुशासन व शान्ति बनाए रखे।
**अनुभा ,,,, बिल्कुल सही बेटा।
आज की परिचर्चा में हमें कई बातें ज्ञात हुई। सन 2013 में सरकार ने स्वीप अभियान भी शुरू किया। इसके तहत मतदाताओं को जागरूक करने के लिए टी वी प्रोगाम, नुक्कड़ नाटक,
गाने आदि के सार्वजनिक कार्यक्रम किए जाते हैं।
विद्यालयीन स्तर से ही जागरूकता लाई जाती है। और भी विस्तार होना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात स्वयं मतदाता को भी पूर्व में सब जानकारी हो, कहाँ मुहर लगाना आदि।
आप लोग भी अब मतदाता बनने वाले हो। आपको ख़ुद तो जानकारी हो। साथ ही औरों को भी जागरूक करें। ठीक। धन्यवाद
सरला मेहता