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पहली आज़ाद सरकार - Sarla Mehta (Sahitya Arpan)

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पहली आज़ाद सरकार

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पहली आज़ाद सरकार*

इतिहास कहता है भारत को आज़ादी 15 अगस्त 1947 में मिली। नेहरू जी प्रथम प्रधानमंत्री बने। किन्तु एक आज़ादी रची थी *आज़ाद सरकार* ने 1945 में। प्रथम रक्षा, विदेश व प्रधानमंत्री बने थे सुभाषचंद्र बोस। अंडमान को अपना अड्डा बनाया। तिरंगा राष्ट्रीय ध्वज़, जन गण मन को राष्ट्रगान का दर्ज़ा देने का सुझाव दिया।
सुभाष का जन्म 23 जन 1897 में हुआ। वकील पिता की संतान थे किंतु क्रान्तिकारी विचार कूट कूट कर भरे थे। 21 अक्टो 1943 को रास बिहारी बोस के साथ आज़ाद हिंद फ़ौज की स्थापना की। और स्वयं प्रथम सेनापति बने। अपने दम पर फंड व हथियार जुटाए। देश विदेश घूम भारत के प्रति सद्भावना जगाई। जापान जर्मनी आदि जगहों पर अपने केंद्र रखे। आज़ादी की ललक रखने वाले 40 हज़ार स्त्री पुरुषों को एकत्रित किया। दक्षिण पूर्व एशिया में जापान की सहायता से यह फ़ौज बनी। सिंगापुर के कैथल सिनेमा हॉल में भी इसकी घोषणा की गई। वेश बदल गुप् चुप तरीकों से क्रान्ति का बिगुल बजाया। दुर्गादेवी के नेतृत्व में महिला सेना का गठन किया। इसतरह वे बगैर कोई चुनाव जीते नेताजी बन गए।
गांधी ने नरम दल का नेतृत्व किया तो सुभाष ने गरम दल का। सत्य अहिंसा उनके हथियार नहीं थे। वे ईंट का ज़वाब पत्थर से देने का कहते थे। उनका नारा था, "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा"। उन्होंने जयहिंद का नारा भी दिया था। इस प्रकार एक अकेले ने देश में अपनी अनुशासित व अघोषित सरकार बनाई। इनकी मृत्यु 1945 में एक विमान हादसे से हुई, ऐसा कहा जाता है। हाल ही में उनकी अस्थियाँ भारत लाई गई, पूर्ण सम्मान के साथ।
जयहिंद।
सरला मेहता

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