कविताछंद
नमन--------साहित्य अर्पण एक पहल
विषय-----------------------------इकरार
तिथि-------------------18/01/2020
वार-----------------------------सोमवार
विधा--------------------------------गीत
मात्राभार-----------------------16,13
#इकरार
दिल की बात सुनाऊँ दिल से,प्यार मुझे इकरार है।
चाहे जितनी कठिन परिस्थिति,साथ तुम्हारा यार है।।
चन्दा जस ही रूप तुम्हारा,अधरों पर मुस्कान है।
गजब निराली अदा तुम्हारी,दिल को बहुत गुमान है।।
खुल्लम -खुल्ला प्यार तुम्हीं से,खुलेआम इजहार है।
दिल की बात सुनाऊँ दिल से,प्यार मुझे इकरार है।।
आओ उड़कर दूर चले हम,धरती पर टकरार है।
बिना तुम्हारे जीवन मुश्किल,कहना बारम्बार है।।
तूने किया भरोसा मुझ पर,दिल में भी उजियार है।
दिल की बात सुनाऊँ दिल से,प्यार मुझे इकरार है।।
भले जमाना कुछ भी बोले,भले मुझे धिक्कार दे।
साथ तुम्हारा कभी न छोड़ूँ,चाहे दुनिया मार दे।।
लड़ जाऊँगा तूफानों से,कभी नहीं इनकार है।
दिल की बात सुनाऊँ दिल से,प्यार मुझे इकरार है।।
पत्थर चाहे जग यह मारे,तनिक नहीं परवाह है।
कंकड़ पत्थर शूल बिछें हो,साथ तुम्हारे राह है।।
जब से आई तुम जीवन में,नष्ट सकल अँधियार है।
दिल की बात सुनाऊँ दिल से,प्यार मुझे इकरार है।।
मन मन्दिर में वास तुम्हारा,जीवन में तुम खास हो।
जानम मन की प्यास तुम्हीं हो,मेरे उर की आस हो।।
दिली कामना पूर्ण हुई जब,सुखमय हिय सरकार है।
दिल की बात सुनाऊँ दिल से,प्यार मुझे इकरार है।।
अरविन्द सिंह "वत्स"
प्रतापगढ़
उत्तर प्रदेश