कहानीलघुकथा
💐प्यार पहाड़ों का 💐
एल्बम पलटते अरुणिमा की नज़र उन यादगार तस्वीरों पर ठहर गई।
आज नव वर्ष के दिन पति अनुराग सरहद पर तैनात हैं। वह शानदार यात्रा चलचित्र की तरह आँखों के सामने घूमने लगी।
अरुणिमा ने अपनी प्रिय सखी नीरा के साथ नव वर्ष पर शिमला जाने की योजना बनाई। और पहुँच गई दोनों उड़ान से। नीरा के भाई मेज़र अनुराग की पोस्टिंग वहीं थी।
और भैया को साथ लिए निकल पड़ी दोनों दीवानी। पर्यटकों की भीड़ में अरुणिमा कभी नीरा का हाथ पकड़ लेती तो कभी भूल वश उसके भैया का। और उस स्पर्श के अनोखे अहसास से सिहर उठती।
दूर बर्फ से ढके पहाड़ देख अरुणिमा चहक उठी, " ए चल ना हम भी स्किंईग का मज़ा लें।" दूर खड़े अनुराग की नज़रें निहारने लगी अरुणिमा के अप्रतिम सौंदर्य को,,, गुलाबी रंग, झील सी गहरी आँखें और छरहरी काया।
" ओ माँ " की चीख सुन अनुराग चौंका व थाम लिया अरुणिमा को।" पता ही नहीं चला कब नीरा ने तस्वीरें उतार ली।
नव वर्ष के उत्सव में भी सालसा नृत्य हेतु अनु व अरु के चयन ने उन्हें और करीब ला दिया। अनुराग ने परिवार में अपनी पसंद बता ही दी।
और वह बन गई नीरा की सहेली से प्यारी भाभी।
सरला मेहता