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प्यारे बच्चों,
सस्नेह शुभाशीष,
मैंने तुम सबको ख़ुद के बच्चों सा कहकर सम्भोधित किया। मुझे पता नहीं क्यों सब विद्यार्थी अपनी संतान से लगते हैं। अतः मैं उन्हें हर पहलू से ढालने का प्रयास करती हूँ। आज मैं तुम सबसे कुछ ख़ास मुद्दे साँझा करना चाहती हूँ।
,,बच्चों, अपने माँ पापा की हिदायतें सदा याद रखो।तुम्हारी पहली गुरु माँ है। अपनी पढ़ाई लिखाई में आ रही बाधाओं को शिक्षक के साथ माँ से भी शेयर करो।दोनों के तालमेल से ही चहुँ मुखी विकास सम्भव है।जैसे सुन्दर लेखन, भाषाओं में वर्तनी सुधार या गणित के फंडे,, अभिभावक व शिक्षक दोनों के सहयोग से ही सुधर सकते हैं।
,,बच्चों,हर विषय को समझकर कर ही याद करो,रटकर नहीं। जैसे आप कोई नाटक या कहानी कभी भूलते नहीं।
,,जरुरी नहीँ कि आपके उत्तर हुबहू किताबी हो। अपनी रचनात्मकता के आधार पर अपना उत्तर लिखो। आपको हर काम सजा हुआ पसन्द आता है ना। वैसे ही अपने उत्तरों का आरम्भ व अंत प्रभावकारी बनाओ। जितनी पंक्तियों या शब्दों में पूछा है, उस सीमा का ध्यान रखो।
,,आज का काम कल पर मत छोड़ो। नियमित पढ़ाई करो और बचे समय में खेलो कूदो।बस टी वी या मोबाइल से चिपके मत रहो। कक्षा में यदि आपने ध्यान से समझा तो वहीं बहुत कुछ याद हो जाएगा।
,,हाँ पढ़ाई के साथ खान पान का भी ध्यान रखो। सात्विक भोजन , दूध फल ,,,तुम्हें हेल्दी यानी ,
हील दायसेल्फ होंगे। जंक फूड तुम्हें फुटबॉल बना आलसी बना देगा।
,,बच्चो ,कभी नम्बरों पर मत जाओ। ज्ञानवान बनो, बुरी आदतों से बचो। हाँ पास होने के चक्कर में चीटिंग नहीं करो।
,,अपनी रुचियाँ माँ पापा को बताओ ईमानदारी से। और उनकी भी राय सुनो व मानो।
,, देखो असफल होने पर कभी ग़लत कदम मत उठाओ।अपनी परेशानी माता पिता व शिक्षक को बताओ।हर समस्या का समाधान है। सोचो यदि तुम ना रहे तो क्या होगा घर में। देखो एक शब्द इम्पॉसिबल में ही "आय एम् पॉसिबल" छुपा है। ज़िन्दगी में और भी राहें हैं। कभी निराश नहीं होना मेरे बच्चों।
,,एक बात याद रखो कि किसी पढ़ाई में कमज़ोर दोस्त की सहायता करते हो तो तुम्हारा ज्ञान भी बढ़ेगा। सदा अनुशासित व संतुलित रहो।
,,जिंदगी भगवान का उपहार है। आपमें किसी कला की संभावना है तो समय दो।बेकार की बातों में मत उलझो।
,,बच्चों,जैसे अभी कोरोना का कहर चल रहा है,ऑनलाइन चल रही कक्षाओं को ध्यान से सुनो। घर पर अभ्यास करो।
,,बहुत सी बातें हैं।कहते हैं सा विद्या या विमुक्तये। मालवी कहावत है,भणो भी और गुणों भी। अर्थात शिक्षा मात्र पास होने के लिए ही नहीं है।यह तुम्हें जीने के ढंग भी सिखाती है।
अच्छा गुड लक।
तुम्हारी
मेहता मेडम