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दिप जैसे चमकते रहो तुम ... - Abasaheb Sarjerao (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

दिप जैसे चमकते रहो तुम ...

  • 134
  • 2 Min Read

दिप जैसे चमकते रहो तुम ...
पावन चरणोपर लीन होना !
वचनपूर्ती का ही आनंद लेना ...
लीन होकर आशीर्वादीत रहो सदा !

किंतु - परंतु से बाधीत ना हो तुम ...

हाल -हवाल कभि न खोकर खुश रहेना !
र्दिघ आयु तुम्हे मिले ...
कभी भी मायूस ना होना !

शुभ घडी जीवन मे सदा रहे ...
भयमुक्त जीवन तुम्हे मिले !
कामना हर पुरी हो आपकी ...
मरहम बनके काम आये हम दुःख दर्द मे ...
नाराज ना होना फुलो की तरह महकते रहो !

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