Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
"हर महिला एक सशक्त-योद्धा" - Aarti Ayachit (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

"हर महिला एक सशक्त-योद्धा"

  • 113
  • 9 Min Read

"हर महिला एक सशक्त-योद्धा" (काव्य रचना)


भूमिका मैंने देखी बचपन से ही
हर नारी की
स्वयं को
समझ जब आई
वास्तविक ज़िदगानी की


दादी ओ दादी जब से
जाना तुझको मैंने
बारह वर्ष से शुरू हुई
गृहस्थी को दादाजी के
उम्र के मध्य पड़ाव में
आकस्मिक रूप से
स्वर्ग सिधारने के बाद भी
पांचों बच्चों की परवरिश
हंसते-हंसते करते हुए
अस्सी साल की उम्र तक
अपने नाती-पोतों के साथ
पूरे परिवार को रूचकर
भोजन कराने में ही परम
संतुष्टि मिलती थी
उसका स्वाद
आज तक है याद



नानी ओ नानी
याद है तेरी ज़िंदगानी
गांव की खेती-बाड़ी संभालने के साथ
नानाजी को पेरालिसिस का दौरा
पड़ने के बाद उनकी सेवा करते हुए
अपने परिवार के साथ ही साथ
भाईयों के परिवार को भी रोटियां
बना के खिलाई लुटाकर अपना प्यार
आज भी हर टांगें को देखकर रहता है
तुम्हारा इंतज़ार



बुआ ओ बुआ
स्वयं नौकरी करते हुए
फर्ज निभाया बड़ी बहन का
अविवाहित रहकर ही
पूर्ण की भाईयों की परवरिश
प्रेम-स्नेह की बारिश कर
मां के साथ ही आनंदित होकर
भाईयों के परिवार पर बरसाई
अपनेपन की बौछार
हमेशा दूसरों का सहारा
बनकर देती रही खास सौगात


मौसी ओ मौसी
भूल नहीं सकती हूं
तेरा आदर्श व्यक्तित्व
मौसाजी के निधन के पश्चात
अपने बच्चों पर समर्पित किया अपनत्व
पढ़ी-लिखी होने पर भी किया सिलाई का काम
आज बने हैं काबिल सभी बच्चे प्रकाशमान कर रहे हैं तेरा नाम



अब प्यारी मां मेरी मां
चंद शब्दों में तो तेरे
जीवन के युद्ध का बखान
कर ही नहीं सकती मैं
पर इतना जरूर कहूंगी मां
अंग्रेजी,मराठी और हिंदी भाषा
का ज्ञान होते हुए भी मेरे पालन-पोषण
की खातिर नहीं दे सकी परीक्षा हायर सेकेंड्री की
हालातों का समझौता करते हुए हम बहनों को
किया शिक्षित और तेरे  दिए संस्कारों के
साथ ही ज़िंदगी हो रही निर्वाह
तेरे नाती-पोते कह रहे हैं
हर महिला होती है
अपने जीवन में
एक सशक्त-योद्धा
जीवन करती हैं सिद्ध
पातीं हैं परमसिद्धि


आरती अयाचित
स्वरचित एवं मौलिक
भोपाल

logo.jpeg
user-image
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हाई
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
आग बरस रही है आसमान से
1663935559293_1717337018.jpg