कहानीलघुकथा
" रूहानी रिश्ता "
अहाना व अबीर एक पेड़ों से घिरे छोटे से घरौंदे में प्यार से रहते हैं।ज़्यादा किराए के कारण यहाँ बस्ती में रहने लगते हैं। दोनों अनाथ थे , ऐसे में दिलों का मिलना तो स्वाभाविक था । और दोनों हमेशा के लिए एक हो गए।
इस नौकरीपेशा कपल को लोग "हंसों का जोड़ा" कहने से नहीं चूकते।
पास में टूटे से कमरे में एक चाची रहती। पति व बेटा दुर्घटना के शिकार हो गए। वह इन दोनों प्यार के पंछियों पर दिलो जां लुटाती है। एक वे ही तो सहारा हैं। अहाना व अबीर ज्यों ही अपनी डुगडुगी से आते हैं,चाची की मसाले वाली चाय तैयार। फिर अहाना की किचन ट्रेनिंग।
अहाना सामने पेड़ पर प्रेम में मगन तोता तोती का जोड़ा अबीर को दिखाती है। पीछे एक और तोता बड़ा उदास सा बैठा है।
दोनों इशारों इशारों में एक अहम निर्णय लेते हैं। और उसी घड़ी चाची का सामान अपने घर में ले आते हैं।
सरला मेहता