Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
आपसी तालमेल - Sarla Mehta (Sahitya Arpan)

कहानीलघुकथा

आपसी तालमेल

  • 202
  • 5 Min Read

आपसी तालमेल

तनु और अनु जुड़वा बहनें हैं। पापा शेखर अपने सीमित साधनों में भी अपनी लाड़ली बेटियों की हर ख्वाइश पूरी करतें। पत्नी नीरजा को यह कतई पसन्द नहीं।वो नाराज हो पति से कहती," क्या जरुरत है एक सी दो दो चीज़े खरिदने की। दोनों मिल बाँट कर वापर सकती है।यही पैसा इनकी पढ़ाई में काम आ सकता है।" पर पापा की मालिकाओं को गेम्स खिलौने व ड्रेसेस सब अलग अलग ही चाहिए। माँ समझाकर समझाकर हार गई ," अरे अदल बदल कर मिलजुल कर हर चीज़ उपयोग करने में ही फ़ायदा है।"
माँ कहती हैं," देखा नहीं सामने मंदिर में रहने वाले बच्चों को।" वे देखती हैं कि दो मासूम बच्चे एक पुरानी शॉल लपेटे सिकुड़ कर सीढ़ी पर बैठे भीख मांग रहे हैं। तनु अनु एक दूसरे का मुँह देखती रह जाती हैं। तनु बहन अनु से कहती है," क्यों न हम अपनी डबल डबल चीज़ों में से एक एक जोड़ा इन बच्चों को दे दे। पापा के पैसे भी बचेंगे और मम्मा भी खुश।"नीरजा बेटियों की बातें सुन मुस्कुरा देती है।
सरला मेहता

logo.jpeg
user-image
दादी की परी
IMG_20191211_201333_1597932915.JPG