Or
Create Account l Forgot Password?
कवितागजल
वो बाते वो बाते जो चाह कर भी तुम को नही बताई होगी वो सपने जो तुम्हारे लिए देखे, पर अफसोस की अब वो यादे है,अब उन को अपने आँखो में सजा के रखा है ,अब कभी मिले तो बिना कहे तुम वो सब मेरी आँखो में पढ़लेना की तुम्हारे लिए कितने ख्वाब है!