कवितालयबद्ध कविता
जाने के बाद तुम्हारे ये दुनिया सूनी हो गई है।
आंख के आंसू मेरे पोंछने वाला अब कोई नहीं है।
तुम थे तो आलम सारा हंसी था
अब दुनिया हमारी वीरान हो गई है
जीते थे हर लम्हा जी - जान से
अब जिंदगी बेजार हो गई है।
जाने के बाद तुम्हारे ये दुनिया सूनी हो गई है।
आंख के आंसू मेरे पोंछने वाला अब कोई नहीं है।
इंद्रधनुषी रंग तब छाए हर तरफ थे
अब जिंदगी हमारी बेरंग हो गई है
देखकर सफेद रंग तन पर अपने
अब जिंदगी आज़ार हो गई है।
जाने के बाद तुम्हारे ये दुनिया सूनी हो गई है।
आंख के आंसू मेरे पोंछने वाला अब कोई नहीं है।
स्वरचित व मौलीक
© पुष्पा श्रीवास्तव
बाँसवाड़ा (राजस्थान)