कहानीसामाजिक
दशहरे का दिन हर तरफ बस एक ही चर्चा थी वो थी शाम के समय होने वाले रावण दहन की ।प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी जगह -जगह लोग रावण को दहन करने के लिए एकत्रित हुए थे ।कुछ दोस्तों के समूह ने इसे भी अपने तरीके से मनाया।सड़क पर दौड़ती मोटरसाइकिल और हाथ मे मदिरा की बोतल लिए एक विशेष चर्चा करते हुए रावण को गाली देकर गुजर रहे थे।उनके कथन के मुताबिक रावण बहुत ही दुराचारी था जो सीता माँ का अपहरण कर लाया,उन्हें बन्दी बनाकर रखा ।उसको मृत्यु देकर प्रभु राम ने बिल्कुल ठीक किया ।कुछ ऐसी ही चर्चा के साथ जब वो लोग आगे पहुंचे तो उन्हें कुछ लड़कियां जो कि शायद किसी रावण दहन के कार्यक्रम से ही आ रही थी वो दिखी और उनके अंदर के बुरे विचारों ने उनकी सद्बुद्धि का नाश कर दिया और उनके अंदर की वासना ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया ।उस भयानक सुनसान सड़क जो कि अंधेरे से पूरी तरह ढक चुकी थी ,पर उन लड़कियों की इज्जत और आबरू के साथ वो लड़के अपना बहसीपन दिखा चुके थे।
वो लड़कियां रोते रोते बस एक ही बात कहे जा रही थी कि वो रावण आजकल के रावण से तो बिल्कुल ही ठीक था।काश वो जिंदा होता तो हमारे साथ शायद ऐसा ना होता।
और वो लड़के जाते-जाते फिर से रावण को गाली देकर आगे बढ़ गए।