कहानीप्रेम कहानियाँ
शब्दाक्षरी अगस्त आयोजन 2020
प्रदत्त विषय -बारिश वाला प्यार
दिनांक - 06 08 2020
शीर्षक -वासंती रिमझिम
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पूनम आफिस की छुट्टी होने पर वाहन के इंतजार में बाहर आकर सड़क किनारे खड़ी हो गई । अक्सर वह खुद की स्कूटी से आती है लेकिन आज स्कूटी पंचर थी इसलिए वह आटो से ही आफिस आई थी ।
खड़े हुए अभी पांच मिनट ही हुई थीं कि बादल घिर आए और झमाझम बारिश शुरू हो गई ।
पूनम ने अपनी छतरी खोलकर सिर पर तान ली। फिर भी बारिश की कुछ बूंदें छतरी के अंदर आकर उसे भिगो रही थीं ।
बचपन से ही सावन उसका पसंदीदा मौसम था और बारिश में भीगना,सडकों के गड्ढों में कागज की नाव बनाकर बहाना वह अक्सर ही किया करती ।
लेकिन आज ये बारिश उसे पसंद नहीं है । आज ये उसके मन में राजीव की याद को और बढ़ा रही है ।
राजीव, हां ऐसे ही तो खड़ी थी वह सड़क किनारे जब आफिस में उसका पहला दिन था । आटो वालों की हड़ताल थी और वह इंतजार में थी कि शायद कोई और वाहन गुजरे और वह अविलम्ब आफिस पहुंचे। आफिस का आज पहला दिन था और वह इस कदर लेट होकर सबकी हंसी का पात्र नहीं बनना चाहती थी ।
तभी वहां से घर के पास में ही रहने वाला राजीव गुजरा जिसे वह शक्ल से जानती थी लेकिन बातचीत कभी नहीं हुई थी ।
राजीव ने उससे पूछा, "कहां जा रही हैं ? पूनम ने कहा, आफिस जाना है लेकिन आटो वालों की हड़ताल हैं इसलिए वाहन के इंतजार में खड़े हैं ।""बैठ जाओ हम भी उधर ही जा रहे हैं । तुम्हें जहां उतरना हो बता देना ,छोड़ देंगे । " थोड़े से संकोच के साथ पूनम राजीव के साथ बैठ गई। रास्ते भर बातचीत में पता चला कि दोनों एक ही आफिस में हैं ।
धीरे-धीरे आफिस में दोनों आपस में घुलने मिलने लगे । कब मित्र बने और मित्र से प्रेमी ।
कितने सावन उनके प्रगाढ़ प्रेम के साक्षी बने । कितने ही सावन की बारिश की बूंदों का उन्होंने एक साथ रसास्वादन किया ।
उस दिन जब राजीव को पदोन्नति होकर दूसरी ब्रांच में भेजा गया ,वह कितना रोयी थी और कितने ही दिन कितनी ही रातें रोती रही थी ।
हालांकि वह राजीव से व्हाट्स अप और वाया काॅल सम्पर्क में रहती थी । फिर भी अब उसका मन आफिस में नहीं लगता था । उसे लगता था, बस कहीं से फिर से राजीव आफिस में आ जाए।
आज राजीव को आफिस से गये दूसरा सावन था। लेकिन यादें जस की तस थीं ।
यही सब सोचते उसकी आंखें भी बरसने लगीं कि अचानक बाइक के होर्न से उसका ध्यान भंग हुआ । देखा तो राजीव था जो उसे लेने के लिए और यह सरप्राइज कि अब वह उसी आफिस में वापिस आ जाएगा, देने के लिए आया था ।
पूनम बहुत खुश है । यह बारिश उसे राजीव से मिलाने के लिए वासंती रिमझिम बनकर आयी थी। अचानक उसे चारों तरफ बारिश की बूँदे प्रेम बरसाती हुई सी लगीं । बारिश का मौसम उपवन की तरह उसके तन मन को महका रहा था। ये बारिश उसके लिए ढेर सारी खुशियां लेकर आयी थी ।
मौलिक एवम् स्वरचित
सरिता गुप्ता