कविताअतुकांत कविता
ढूँढोगे जब भी
मुझे
वहाँ मत ढूंढना
जहाँ....
छोड़ कर गए थे मुझे
वो गाँव छोड़ दिया है
#मकां बदल लिया है
और
सुनोगे......
#दिल भी बदल लिया
जो कभी
अपनों के #अहसासों से
सदा भरा रहता था........
अब वहाँ तुम्हें
सिर्फ़.....
#वीरानियाँ
#तन्हाइयां
#दुश्वारियां
और
#बेचैनियां मिलेगी..........!!
संदीप चौबारा
फतेहाबाद
११/१०/२०२०