Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
जीता सिर्फ़ सिकंदर - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

जीता सिर्फ़ सिकंदर

  • 4
  • 1 Min Read

समन्दर में बूंद
बूंद में समन्दर

मैं जग में बाहर
मैं अपने अन्दर

दुनियादारी सारी
एक तरफ़ कलंदर

सल्तनतें सब हारी
जीता सिर्फ़ सिकंदर

© डॉ. एन. आर. कस्वाँ "बशर" بشر

logo.jpeg
user-image
चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg
मुझ से मुझ तक का फासला ना मुझसे तय हुआ
20220906_194217_1731986379.jpg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg