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कवितानज़्म
बेहतर मुस्तक़बिल केलिए आपको एक शख़्स की ज़रूरत है और वोह मुक़म्मल शख़्स केवल और केवल आप खुद हैं! तरक्की की राह पर आप के साथ आपकी मौजूदगी के बिना आपकी क़िस्मत में लिखे खजाने की रहगुज़र अवरूद्ध है! © डॉ. एन. आर. कस्वाँ "बशर" بشر