Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
हरगिज़ किसीसे कम नहीं - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

हरगिज़ किसीसे कम नहीं

  • 4
  • 1 Min Read

मुस्कुराते हैं ऐसे जैसेकि हमको कोई ग़म नहीं
दर्द -ए -दिल अपना बयाँ करने वाले हम नहीं

जख़्म-ए-जिगर जज़्बात-ए-रंजो-मलाल अपने
छुपाने मेंतो हमभी हरगिज़ किसीसे कम नहीं

"बशर" بشر

1663935559293_1734581340.jpg
user-image
चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg
वक़्त बुरा लगना अब शुरू हो गया
1663935559293_1741149820.jpg
मुझ से मुझ तक का फासला ना मुझसे तय हुआ
20220906_194217_1731986379.jpg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg