Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
याद आते हैं सिर्फ़ भुलाने केलिए - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

याद आते हैं सिर्फ़ भुलाने केलिए

  • 5
  • 1 Min Read

दस्तूर येह भी है इस ज़माने के लिए
किसीसे मिलो महज़ दिखाने केलिए

यहाँ राब्ते तो बहुत हैं गिनाने केलिए
पर याद आते हैं सिर्फ़ भुलाने केलिए

© डॉ. एन. आर. कस्वाँ "बशर" بشر

1663935559293_1734161634.jpg
user-image
चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg
वक़्त बुरा लगना अब शुरू हो गया
1663935559293_1741149820.jpg
मुझ से मुझ तक का फासला ना मुझसे तय हुआ
20220906_194217_1731986379.jpg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg