Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
जीना सियासत की बिसात है तो है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

जीना सियासत की बिसात है तो है

  • 3
  • 2 Min Read

हम को मालूम है हक़ीक़त हयात की
मग़र ज़िंदगी में कोई बात है तो है!

दुनिया चल नहीं सकती दिन के बग़ैर
दिनके उजाले के बाद रात है तो है!

महफ़िलों की बनती है शान दोस्तों से
दोस्तों की अपनी औक़ात है तो है!

बड़े पापड़ बेलने पड़तेहैं इस जीवनमें
जीना सियासत की बिसात है तो है!

© डॉ. एन. आर. कस्वाँ "बशर" بشر

1663935559293_1733198397.jpg
user-image
चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg
मुझ से मुझ तक का फासला ना मुझसे तय हुआ
20220906_194217_1731986379.jpg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg