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तीरगी को उजालों के हवाले कर दो - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

तीरगी को उजालों के हवाले कर दो

  • 4
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अपनी क़िस्मत के अंधेरे लम्हात मशक़्क़त के चरागों के हवाले कर दो
मुफ़लिसी की इस तीरगी को अपनी मेहनत के उजालों के हवाले कर दो

© डॉ. एन. आर. कस्वाँ "बशर" بشر

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