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अरसा हो गया - Hoshiar Singh (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

अरसा हो गया

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  • 11 Min Read

साहित्य अर्पण विद अक्स..
अरसा हो गया
विधा-कविता
*****************
पुष्पक विमान से लौटे श्रीराम,
उमड़ पड़ा तब अयोध्या धाम,
देख देख श्रीराम को नमन करे,
आज खुश सब कोई नही डरें,
जब देखने आई कौशल्या माई,
दर्द में मां की आंखें डबडबाई,
लिपट गई बेल सी प्रभु श्रीराम,
वक्त हो चला था फिर वो शाम,
मां बेटे का तब मिलन हो गया,
बोली मां, मिले अरसा हो गया।

पांडवों मिला, जब अज्ञातवास,
श्रीकृष्ण को, आया ना वो रास,
मां कुंती से मिल चले बनवास,
रोई थी एक मां आया ना सांस,
कभी पांडुपोल कभी नृप विराट,
भूल गये सभी जीवन ठाठ बाट,
कीचक को मारा कौरवों से युद्ध्र,
कभी हंसे मुस्कुराये, कभी क्रुध,
हस्तिनापुर लौटे, प्यार खो गया,
कुंती बोली,मिले अरसा हो गया।

मांधाता के थे पुत्र इक्ष्वाकु नरेश
मुचकुंद होता नाम,मिला परिवेश,
राक्षसों से लड़े देवता के रह संग,
वर्षों बीतें युद्ध में थक चुके अंग,
देवता गये जीत मुचकंद थे खुश,
बीत गये देवताओं के सभी दुख,
इच्छा प्रकट की, सोने की नरेश
कंद्रा में पहुंचे, जहां सोना चाहा,
कालयमन का काल बन सो गया,
प्रभु ने कहा,मिले अरसा हो गया।

ऋष्यमूक पर्वत पे प्रतीक्षा हनुमान,
सीता का पता लगाने का था ज्ञान,
श्रीराम पहुंचे पर्वत पे हुआ मिलन,
भीग गया हनुमत सारा ही तन मन,
बोले हनुमान श्रीराम से ही लिपट,
अब तो प्रभु का नाम लिया मैं रट,
भीलनी से मिले तो खाये झूठे बेर,
समझा भीलनी प्यार,नहीं लगी देर,
श्रीराम बस उनके प्यार में खो गया,
कहा कहा थे मिले अरसा हो गया।

ठंडा मौसम पड़े ठंडी नभ से फुहार,
तड़पे प्रियतमा, अपने प्रिय का प्यार,
एक एक दिन बीतते ज्यों वर्ष हजार,
प्रेमी युगल की हुई आंखें बस चार,
विदेश में बैठे थे, प्रियतम-प्रियतमा,
रात दिन सिसक रही, जलती शमा,
नहीं मिलने का तरीका, कोई पास,
यादों में बढ़ जाती थी धड़कन सांस,
प्रियतम याद कर ख्वाबों में सो गया,
पे्रेमी ने कहा- मिले अरसा हो गया।

बिछुड़ गई एक दिन पत्नी गई रूठ,
तब से अब तक पीते हैं कड़वे घूंट,
दर्द में भी सोते हैं बस उनके सहारे,
वक्त दौरा बुरा था वो हुये ना हमारे,
दोस्त एक एक गये, जो हमको प्यारे,
शेष जीवन बीते यादों के बस सहारे,
जो बीतेगा वो लायेगा, कुछ नयापन,
हम स्वर्ग में मिलेंगे, कहता मेरा मन,
उस आत्मा के ही ख्वाबों में खो गया,
मिलने पर कहूं-मिले अरसा हो गया।
*****************
स्वरचित, नितांत मौलिक
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*होशियार सिंह यादव
मोहल्ला-मोदीका, वार्ड नंबर 01
कनीना-123027 जिला महेंद्रगढ़ हरियाणा
व्हाट्सअप एवं फोन -09416348400

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