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कवितानज़्म
मिज़ाज अपना आफताब की तरह रखा कर ना ग़ुरूर -ओ-गुमां उगने का ना डूबने का डर सुकून बड़ी चीज़ है मियाँ हयाते-मुस्त'आर में ना पानेकी खुशी ना कुछ खोने की ही फिकर © डॉ. एन. आर. कस्वाँ 'बशर' bashar بشر