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दोस्ती सिर्फ़ मसरूफ ओ मुबतिल से करता हूँ - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

दोस्ती सिर्फ़ मसरूफ ओ मुबतिल से करता हूँ

  • 11
  • 2 Min Read

मुहब्बत अपने यारों की महफ़िल से करता हूँ
बातें रब्त की तमाम अपने दिल से करता हूँ

फुर्क़त निठल्ले निकम्मे आलसी काम चोर से
दोस्ती सिर्फ़ मसरूफ ओ मुबतिल से करता हूँ

© डॉ. एन. आर. कस्वाँ 'बशर' bashar بشر

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