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अजीब दुनिया - Apar Raj (Sahitya Arpan)

कविताबाल कविता

अजीब दुनिया

  • 8
  • 2 Min Read

कितनी अजीब दुनिया है,
कहीं भीड़ है, तो कहीं सुनसान
कोई हुजूम में, कोई एकांत में
कोई खुद में, कोई दूसरों में
किसी की आंख में, किसी के जीवन में
किसी के लिए सुख, किसी के लिए दुःख
ये आंखों की आंसु
बया कर रही जीवन की प्रत्याशा।

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