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कविताबाल कविता
कितनी अजीब दुनिया है, कहीं भीड़ है, तो कहीं सुनसान कोई हुजूम में, कोई एकांत में कोई खुद में, कोई दूसरों में किसी की आंख में, किसी के जीवन में किसी के लिए सुख, किसी के लिए दुःख ये आंखों की आंसु बया कर रही जीवन की प्रत्याशा।