Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
जिंदगी के सफ़र में बशर वापस जाना है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

जिंदगी के सफ़र में बशर वापस जाना है

  • 9
  • 1 Min Read

इस ज़माने के आगे भी एक ज़माना है
ये दुनिया तो बस इक मुसाफ़िरखाना है

मकां है न मकीं है मंज़िल है न ठिकना है
जिंदगी के सफ़र में बशर वापस जाना है
....................... © dr.n.r.kaswan 'bashar' بشر

InCollage_20240904_094558377_1725628659.jpg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg