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मां से ढेरों बातें होती थी - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

मां से ढेरों बातें होती थी

  • 13
  • 1 Min Read

बिनचिट्ठी बिनतार मां से बातें होती थीं
सुखद सुहानी सलोनी वो रातें होती थी

गुज़री हुई सब यादें ताजा हो जाती थी
सपनों में जब मां से ढेरों बातें होती थी
© "बशर" بشر bashar

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