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पता किसीकी औक़ात लग जाती है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

पता किसीकी औक़ात लग जाती है

  • 18
  • 2 Min Read

यूँही नहीं किसीको शेर-ओ-सुख़न कहने की आदत लग जाती है
किसी अपने ही की कभी दिल पर कोई गहरी बात लग जाती है
मुग़ालते हीमें जिन्दा रहते हैं बशर हमलोग अक़्सर इस जमाने में
तकलीफ़ होतीहै जातेजाते पता जब किसीकी औक़ात लग जाती है
© "बशर" بشر bashar

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