Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
पापा - Sumit Tiwari (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

पापा

  • 188
  • 1 Min Read

अगर ये धूप हो घर मे,तो छाव तुम ही तो लाते हो।
मेरे पैरों के कांटो को,तो तुम ही तो हटाते हो।।
मेरी उंगली को थामकर,तो तुम ही तो चलते हो।
मेरी किस्मत के शंकर हो,तुम्ही पापा कहलाते हो।।

logo.jpeg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हाई
logo.jpeg