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कवितानज़्म
हम -सुख़न कोई तो हो हम-ज़बाँ कोई तो हो है ये सफ़र तन्हा हम- सफ़र यहाँ कोई तो हो हम को किसीकी किसीको हमारी हो फिकर फिक्रमंदों का हमाराअपना जहां कोई तो हो @बशर