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कवितानज़्म
गुज़र जाएंगे जिस भी रहगुज़र जाएंगे रुकेहैं न रुकेंगे लम्हात ये गुज़र जाएंगे क्या करने आएथे हम क्या कर जाएंगे हम भी मर जाएंगे वोह भी मर जाएंगे © 'बशर' bashar • بَشَر.