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कवितानज़्म
बात ही कुछ ऐसी है कि सबसे छुपाई जाए राज की बात है बशर सबको कैसे बताई जाए! दी है चोट किसी ने दिल पर बड़ी बेरहमी से सीना चीरकर हर किसीको कैसे दिखाई जाए! © 'बशर' bashar • بَشَر.