Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
मुसाफ़िरखाना संसार है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

मुसाफ़िरखाना संसार है

  • 24
  • 2 Min Read

मकां भी हैं, मकीं भी हैं मग़र कोई नहीं हक़दार है
पराया तेरा येह शहर 'बशर' हम सब किराएदार हैं

रैनबसेरे के बदले हमको उम्रकी क़ीमत चुकानी है
आनी-जानी सारी दुनिया मुसाफ़िरखाना संसार है
© 'बशर' bashar • بَشَر.

InCollage_20240820_115816147_1724374402.png
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg