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कविता - Vinod Verma (Sahitya Arpan)

कवितादोहा

कविता

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राखी
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रक्षाबंधन का त्यौहार जब है आता।
भाई बहन का प्यार और खिल जाता।।
बहन भाई को राखी है पहनाती।
उससे रक्षा की इच्छा है जताती।।
कभी नहीं मांगती पैसा, दौलत व उपहार।
हमेशा मांगती है अपने भाई का प्यार।।
जब भी बहन को कोई मुसीबत है आती।
भाई से सहायता भी जरुर है मांगती।।
भाई भी कभी बहन को नजर अंदाज नहीं करता।
जब जब बहन याद करती हाजरी जरूर है भरता।।
भाई बहन का प्यार भी गज़ब का है होता।
शायद इस रिश्ते जैसा कोई रिश्ता दुनियाँ में नहीं होता।।
आज भाई की कलाई सुनी सी नजर है आती।
क्योंकि बहन जन्म ही नहीं ले पाती।।
गर भाई की कलाई को चाहते हो हरा भरा।
तो बहन से भी सजनी चाहिए यह धरा।।

विनोद वर्मा मझियाठ बलदवाड़ा मंडी हिमाचल प्रदेश ९८८२५०००२७

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