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मैं जल्द ही समझदार हो गया - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

मैं जल्द ही समझदार हो गया

  • 29
  • 1 Min Read

खेलने के दिनों में बचपन ज़रूरतों का बाज़ार हो गया
लोग समझने लगे हैं कि मैं जल्द ही समझदार हो गया
© 'बशर' bashar بَشَر

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