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बिरबल कुमार निषाद रचनाकार छत्तीसगढ़ - Balvantin Nishad (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

बिरबल कुमार निषाद रचनाकार छत्तीसगढ़

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हिंदी शायरी/बुलंदी को छू लीजिए नवग्रह की अवकाश सेl तकदीर उसी को मिलती है जिसकी सौगात से l पनपते हैं पानी पर मच्छर जिसकी औकात से l लोग कहते हैं जिगर को शौकत से l हजरत अली कहते हैं हमसे करो l जिसे राम मिली वह धन है कबीर मिले सत्संग है l रचनाकार बिरबल कुमार निषाद छत्तीसगढ़

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