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तब मैं लिखता हूँ - Sandeep Chobara (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

तब मैं लिखता हूँ

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तब मैं लिखता हूँ

जब मन #उदास होता है
जब दिल #दुखी होता है
मैं कहना चाहता हूं सब
जब मैं अकेले में होता हूं
जब कोई #नजर नहीं आता है
जब अपनों की #याद आती है
सब भूले #बिसरे याद आते हैं
तो तब मैं उठाता हूं
#कागज और #कलम
लिखने के लिए अपने
दिल के #जज्बात
दिल के #एहसास
और तब लिखता हूं मैं
#बेबसी
#तन्हाई
और #बेकसी.........!
संदीप चौबारा
फतेहाबाद

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