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रक़ीब ही आते रहे क़रीब हमारे - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

रक़ीब ही आते रहे क़रीब हमारे

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  • 1 Min Read

जिंदगी में दोस्ती किसी से हो जाए मयस्सर जिंदगीभर ज़हे-नसीब हमारे
उम्र-ए-तमाम अहबाब की आजमाइशों में रक़ीब ही आते रहे क़रीब हमारे
@"बशर"

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