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आनेवाले हैं बहोत - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

आनेवाले हैं बहोत

  • 24
  • 1 Min Read

महंगी है दाल उसमें दाने काले हैं बहोत
निवाले हैं कम और खाने वाले हैं बहोत!

शबो -रोज तंगी वाले कैसे निकाले कोई
निकालें हैं बहुत पर आनेवाले हैं बहोत!
© 'बशर' bashar بَشَر.

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