Or
Create Account l Forgot Password?
कवितानज़्म
ख़त्म हो गया लुत्फ़ उनके ग़म-ए-इंतज़ार का खिजां चली गई आ गया के मौसम बहार का © डॉ. एन. आर. कस्वाँ "बशर" بشر