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रहबर की नहीं ज़रूरत उनको - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

रहबर की नहीं ज़रूरत उनको

  • 3
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रहबर की नहीं उन को ज़रूरत
मंज़िल के जुनूँ वाले खुदही अपना रस्ता बनाते हैं,

दरिया को रस्ता कौन बताता है
पहाड़ों से चलकर खुदही तो समन्दर तक आते हैं!
@"बशर"

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