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अपनी रातें काली करनी पड़ती हैं - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

अपनी रातें काली करनी पड़ती हैं

  • 4
  • 2 Min Read

अपने बच्चों का पेट भरने के लिए
रोज मुट्ठी खाली करनी पड़ती है!

अपने गले निवाला उतरे न उतरे
घरमें सबकी थाली भरनी पड़ती है!

खुद की होली बे-शक जल जाए
औलाद की दिवाली करनी पडती है!

मुफ़लिस को चराग़ जलाने के लिए
अपनी रातें काली करनी पड़ती हैं!
@"बशर"

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