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जान चली जाती है निभाते निभाते - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

जान चली जाती है निभाते निभाते

  • 9
  • 1 Min Read

सोच समझकर बनाया कर राब्ते दोस्ती रिस्ते नाते
जान चली जाती है 'बशर' इन को निभाते निभाते
@"बशर"

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