कवितागीत
आप प्रबुद्ध जन को यह भोजपुरी रचना सादर समर्पित हैं l इससे पहले मैं सपर्पित करूँ यह गीत बच्चियों में पढ़ने में मन लगाने तथा आने वाली चुनौतियों के प्रति आगाह तथा उनसे उबरने के युक्तिओं को प्रस्तुत करता है l जो त्रुटिया होगी उसको क्षमा प्रदान कर इस भोजपुरी गीत को पढ़े और अपने आशीर्वाद से अभिसिंचन करने की कृपा करें l आप सब का प्यार और आशीर्वाद निरंतर प्राप्त हो रहा है जिसके लिये मैं ह्रदय की गहराई से आप के आभारी हूँ l
गीत शीर्षक :-----पढ़ल करा ए बहिनी
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पढ़ल करा ए बाहिनी मनवा लगाई के ।
जीनगी न बर्बाद करा मोह माया में आई के ।
माई और बाबू बैठल आश लगाइके ।
पढल करा ए बाहिनी मनवा लगाईके ।
हर जगह बाटै बहिनी भीषण कॉपिटीशन ।
चाहे नौकरी होई चाहे एडमिशन ।
रखिहा तू बबुनी आपन रिदम बनाइके ।
पढ़ल करा ये सुगनी मनवा लगाई के ।
जीवन में आपन एक सपना सजावा।
वहि सपना के खातिर सब कुछ लगवा ।
हरदम तैयार रखा आपन सिलेबस ।
कबहु घबराइहा मत होइहा न नर्वस ।
राखिहा तु लाडो आपन रिदम बनाई के ।
एक दिन सफलता मिली तोहे दौड़ाई के ।
पढ़ल करा हे बाहिनी
पढल करा हे बबुनी
पढल करा ए सीता
पढल करा ए गुडुई मनवा लगाई के ।।।
(आलोक मिश्र)