Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
पढ़ल करा ये बहिनी - Alok Mishra (Sahitya Arpan)

कवितागीत

पढ़ल करा ये बहिनी

  • 40
  • 6 Min Read

आप प्रबुद्ध जन को यह भोजपुरी रचना सादर समर्पित हैं l इससे पहले मैं सपर्पित करूँ यह गीत बच्चियों में पढ़ने में मन लगाने तथा आने वाली चुनौतियों के प्रति आगाह तथा उनसे उबरने के युक्तिओं को प्रस्तुत करता है l जो त्रुटिया होगी उसको क्षमा प्रदान कर इस भोजपुरी गीत को पढ़े और अपने आशीर्वाद से अभिसिंचन करने की कृपा करें l आप सब का प्यार और आशीर्वाद निरंतर प्राप्त हो रहा है जिसके लिये मैं ह्रदय की गहराई से आप के आभारी हूँ l

गीत शीर्षक :-----पढ़ल करा ए बहिनी
------------------------
पढ़ल करा ए बाहिनी मनवा लगाई के ।
जीनगी न बर्बाद करा मोह माया में आई के ।
माई और बाबू बैठल आश लगाइके ।
पढल करा ए बाहिनी मनवा लगाईके ।
हर जगह बाटै बहिनी भीषण कॉपिटीशन ।
चाहे नौकरी होई चाहे एडमिशन ।
रखिहा तू बबुनी आपन रिदम बनाइके ।
पढ़ल करा ये सुगनी मनवा लगाई के ।
जीवन में आपन एक सपना सजावा।
वहि सपना के खातिर सब कुछ लगवा ।
हरदम तैयार रखा आपन सिलेबस ।
कबहु घबराइहा मत होइहा न नर्वस ।
राखिहा तु लाडो आपन रिदम बनाई के ।
एक दिन सफलता मिली तोहे दौड़ाई के ।
पढ़ल करा हे बाहिनी
पढल करा हे बबुनी
पढल करा ए सीता
पढल करा ए गुडुई मनवा लगाई के ।।।

(आलोक मिश्र)

17276875418105910754225174231592_1727687666.jpg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg
मुझ से मुझ तक का फासला ना मुझसे तय हुआ
20220906_194217_1731986379.jpg