कविताअन्य
मेरा प्यार पानी के जैसा है निर्मल और शीतल l
मुझे छाँव जब कहीं मिले ना
तब सर ढक देता तेरा आँचल ll
जीवन में हल्दी रंग भरती सपनो में रँग भर देती है l
खुद घुल करके भी मिसिरी जीवन में मिठास भर देती है l l
जब मन तेरा व्यथित तप्त हो प्यार मेरा चन्दन बन जाये l
वेदना हरे और घाव भरे साथ रहे जब पड़े जरुरत तेरा अवलम्बन बन जाये ll
प्यार मेरा कुम कुम है तेरा जो तेरा श्रृंगार है
इसी लिये इन चीजों से तुमको इतना जो प्यार है
तेरे प्यार पे मेरी प्रिय मेरा जीवन बलिहार है
है यही सच कि कहता नहीं मुझे खुद से ज़्यादा तुमपे ऐतवार है और हमको तुमसे प्यार है